‘सोशल मीडिया’ से मिला सुपीपी को ‘सोशल पावर’

आमतौर पर मीडिया कहते ही सबसे पहले जेहन में अख़बार-मैगज़ीन या टेलीविजन-रेडियो का ख़्याल आता है। लेकिन, मीडिया का दायरा यहीं तक सीमित नहीं है। मीडिया में सबसे पहले प्रिंट मीडिया यानी अख़बार, मैगज़ीन, और सरकारी दफ़्तरों से निकलने वाले पत्र-पत्रिकाओं का आते हैं। इनके बाद रेडियो यानी आकाशवाणी का नंबर आता है। फिर, दूरदर्शन…

अब कंप्यूटर की की-बोर्ड पर थिरकती हैं ग्रामीणों की उंगलियां !

आज के इंटरनेट युग में किसी भी विकासशील देश की आर्थिक प्रगति उसकी युवा शक्ति और गांवों के विकास पर निर्भर होती है। जैसे जैसे वो तरक्की करता है वैसे-वैसे देश की अर्थव्यवस्था में उसका योगदान बढ़ता चला जाता है। ठीक इसी प्रकार, भारत जैसे विकासशील देश की भी यही कहानी है। इसकी अनेकता में…

सोशल मीडिया से शेर बानो बनीं पख्तून ‘मलाला’

क्या दुनिया के छोटे मुल्कों में सोशल मीडिया के मंच आम जनता के लिए उनके हक की लड़ाई के हथियार साबित हो सकते हैं? पाकिस्तान की शेर बानो को देखकर कम से कम इस बात के संकेत तो जरूर मिलने लगे हैं। सोशल मीडिया को लेकर 19 वर्षीय शेर बानो ने समाज में चेतना जगाने…

भपंगवादक अब कंप्यूटर पर सुनाएंगे रामायण, महाभारत के किस्से

कभी आपने सुना है किसी मुसलमान को रामायण और महाभारत का पाठ करते हुए? शायद नहीं। लेकिन, आज इस लेख के जरिए मैं एक ऐसे शख्स से रूबरू कराऊंगा जो अपनी कला के जरिए समाज में आपसी सदभाव बढ़ाने में विश्वास रखता है। आज के युग में यह इसलिए और भी अहम हो जाता है…

ज़िंदगी की धुन पर थिरकने को मजबूर ‘घुमक्कड़ समुदाय’

राजस्थान में भारत-पाक सीमा से करीब 50 किमी. पहले एक गांव है साम गांव। अगर रेतीले रेगिस्तान के बीच बसे गांवों में आपको जाने का मौका मिले, तो आपको वहां एक अजीबो-गरीब मंजर देखने को मिलेगा। इस गांव में दूर-दूर बसे बिना छत के अस्थायी घरों में आदमी मिले या न मिले, घर में मौजूद…

केरल पर्यटन होने जा रहा हाईटेक

जिन वजहों से केरल आज दुनिया भर में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना है, वो हैं : वहां का मौसम, समंदर का किनारा, बारिश, पानी से घीरे गांव, घने जंगल और चालीस से अधिक नदियाँ । इसके अलावा यहां की पंचकर्म चिकित्सा पद्धति और विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समृद्ध परंपरा भी पर्यटकों को खीचने…

देश को एक नहीं, अनेकों ‘ग्लोकल यूनिवर्सिटी’ की जरूरत

एक तरफ देश में जैसे जैसे चुनावी सरगर्मी तेज हो रही है उसी तरह केंद्र और राज्य सरकारें भी अपनी-अपनी उपलब्धियों के साथ-साथ मैदान में उतरने लगी हैं। इस दौड़ में दिल्ली सरकार भी पीछे नहीं है। राजधानी दिल्ली में चल रहे एफएम रोडियो पर विज्ञापन हो या मेट्रो और बस स्टॉप पर लगे होर्डिंग्स,…

प्राकृतिक संपदा संरक्षण के लिए आदिवासियों ने मोबाइल को बनाया हथियार

अगर कोई बच्चा पूंजीपति या उच्च जाति के परिवार में पैदा हो जाए तो वो पूंजीपति, राजनेता या फिर पत्रकार बन जाता है, राजस्थान, पंजाब में गरीब परिवार में पैदा होता है तो फौज में जाता है और वही एक बच्चा जब झारखंड, छत्तीसगढ़ के आदिवासी के घर में पैदा होता है तो वो जंगलों…

कालबेलिया जनजाति आज भी किसी जादू के इंतजार में

वैसे तो घुमंतू संपेरा जनजाति और पंचसितारा होटल का कोई रिश्ता तो नहीं, लेकिन 18 जुलाई की शाम एमबिलियंथ अवॉर्ड्स समारोह के दौरान दिल्ली के एक पंचसितारा होटल में जिसतरह इस जनजाति ने कालबेलिया नृत्य के जरिए शमां बांधा उसे देखने वाले भौंचक्के रह गए। दरअसल, कालबेलिया, राजस्थान में सपेरा जाति की एक मशहूर नृत्य…