मंगलयान की सफलता से सोशल मीडिया मंगलमय
ठीक एक दशक पहले भारत में अगर लोगों को अपने विधायक या सांसद से मिलना होता था तो उन्हें कम से कम पांच साल यानी अगले चुनाव का इंतजार करना होता था। लेकिन, शुक्र है इंटरनेट और तकनीक का, जिसकी वजह से जनता और नेता की दूरी ही नहीं घटी, बल्कि जब चाहें उनसे संवाद भी मुमकिन हो चुका है। अब नागरिक इंटरनेट के माध्यम से सीधा संपर्क ही नहीं करते, सवाल भी उठाते हैं। यानि हम ये दावे के साथ कह सकते हैं कि इंटरनेट ने असल तौर पर नागरिकों को अधिकार देकर राज्य व्यवस्था का हिस्सा बना दिया है।
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