तकनीक से टकराव नहीं, उसे आत्मसात करने की जरूरत

आजकल अकसर हमें कहीं न कहीं विज्ञान और तकनीक से इस्लाम का टकराव देखने को मिल जाता है।  दूर-दराज गांवों में कई बार मुस्लिम समुदाय विज्ञान और तकनीक को गैर-इस्लामी तक करार देते हैं। ऐसे में कई जगहों पर ऐसी सोच भी बनने लगी है कि इस्लाम विज्ञान और तकनीक को तरक्की का जरिया नहीं बनाया…

गाँवों मे सूचना क्रांति के लिए सोशल मीडीया को पगडंडियों तक पहुंचना होगा

जहां सोशल मीडिया भारतीय राजनीति का नक्शा बदलने को तैयार है, वहीं इसने कभी-कभार इस्तेमाल करने वाले राजनीतिज्ञों या इसका बेजा इस्तेमाल करने वालों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने केजरीवाल, जिन्होंने ट्विटर, फेसबुक की मदद से सड़क से सत्ता तक का सफर…

कहीं दूसरा ‘विदर्भ’ न बन जाए ‘कुर्ग’

हर रोज सुबह कॉफी की महक से ही आधा भारत जागता है। क्या कभी आपने सोचा है कि जिस कॉफी से आपके दिन की शुरुआत होती है, वो कहां से आती है? वो कहीं और देशों से नहीं बल्कि अपने ही देश के दक्षिण का एक जिला कुर्ग से आता है जो पिछले 300 साल…

मछुआरों को टीवी से नहीं अब सीआईआरसी से मिलेगी मौसम की जानकारी

खूंखार हुआ ‘हेलन’, खतरे में विशाखापट्टनम…..ये वो लाइन थे जो पिछले साल नवंबर में हर टेलीविजन चैनल, अखबार में छाए हुए थे। क्या आप जानते हैं इस खबर का कितना असर हुआ था? इस खबर का असर इस कदर हुआ कि समुद्री तट पर रहने वाली पूरी आबादी घर बार छो़ड़ किसी सुरक्षित ठिकाने पर…

सीआईआरसी बदल सकती है ओपली ओडन की तस्वीर

13 मार्च 2013 का वो दिन आज भी मुझे याद है जब रेड रिक्शा रेवलूशन यात्रा के दौरान पहली बार उपली ओदन की उपसरपंच से मेरी मुलाकात हुई थी। जींस औऱ कुर्ते में मोटरसाइकिल पर सवार उपसरपंच राखी पालीवाल को देख थोड़ी देर के लिए हैरान हो गया था। पहली नजर में तो मुझे यकीन…

दिल्ली चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी दिख सकता है सोशल मीडिया का दम

क्या आप जानते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत का राज? ‘आप’ वहीं पार्टी है जिसने देश के युवाओं को ही नहीं, दुनिया भर में रह रहे भारतीय युवाओं को भी अपना दिवाना बना दिया है। और ये सब हुआ सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया की वजह से। क्योंकि आम…

ग्रामीण स्कूल जहां जमीन को कॉपी औऱ आसमान को किताब समझते हैं बच्चे !

महाराष्ट्र का वो जिला जिसके उत्तर में अहमदनगर, पूर्व में अहमदनगर और शोलापुर, दक्षिण में नीरा नदी एवं सतारा और पश्चिम में कोलाबा हैं। उसके पश्चिमी भाग पश्चिमी घाट पहाड़ की वजह से ऊँचा नीची जरूर है, लेकिन पश्चिम में भोर घाट रेल और सड़क का मुख्य द्वार है। ये वही जिला है जहां मई…

उन्नत कृषि और खुशहाली के लिए किसानों को बनना होगा एग्रोप्रेन्योर!

आजादी के बाद किसानों की एक बड़ी आस थी कि अब उनके दिन सुधर जाएंगें। जो कुछ किसानों के पास था अपना पुराने खेती के औजार, पुरानी खेती के तौर तरीके, पुराने देशी नस्ल के गाय- बैल, भैंस, बकरी, सादगी से भरपूर रहन-सहन और आपसी भाई-चारा। क्या उमंग, क्या जोश था। गांवों की आबो-हवा, तालाब,…

नए जमाने का मीडिया-‘कॉम्यूनिटी रेडियो’ की शक्ति को पहचानने की जरूरत

आज भारत में जहां एक तरफ एंटरटेंनमेंट मीडिया हर साल तरक्की की नई नई ऊंचाईंयां छू रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ एक बड़ी आबादी कॉम्यूनिटी रेडियो यानी सामुदायिक रेडियो के नाम से भी परिचित नहीं है। हालांकि इसकी वजहें कई हो सकती हैं। एक तो कॉम्यूनिटी रेडियो का दायरा बेहद छोटा होना और दूसरे…